Mat Pita Tum Mere Lyrics (मात पिता तुम मेरे Lyrics In Hindi). Mat Pita Tum Mere Is Latest Bhakti Song Lyrics By Anuradha Paudwal. The Song Sung By Anuradha Paudwal. Mat Pita Tum Mere Lyrics Written By Traditional. Music Is Given By Arun Paudwal.
Mat Pita Tum Mere Lyrics
Om Jai Jagdish Hare,
Swami Jai Jagdish Hare
Bhagt Jano Ke Sankat,
Khshan Mein Door Kare …
Om Jai Jagdish Hare,
Jo Dhaywe Phal Pave,
Dukh Vinse Man Ka
Sukh Sampati Ghar Aave,
Kasht Mite Tan Ka …
Om Jai Jagdish Hare,
Maat-Pita Tum Mere,
Sharan Gahun Kiskee
Tum Bin Aur Na Duja,
Aas Karun Jiskee …
Om Jai Jagdish Hare,
Tum Puran Parmatma,
Tum Antaryami
Par-Brahm Parmeshwar,
Tum Sabke Swami …
Om Jai Jagdish Hare,
Tum Karuna Ke Saagar,
Tum Palankarta
Main Moorakh Khal Kami,
Mein Sewak Tum Swami,
Kripa Karo Bharta …
Om Jai Jagdish Hare,
Tum Ho Ek Agochar,
Sabke Pran Pati
Kis Vidhi Milun Dayamay,
Tumko Main Kumti …
Om Jai Jagdish Hare,
Deenbandhu Dukh Harta,
Thakur Tum Mere,
Swami Rakshak Tum Mere
Apne Hath Uthaao,
Apni Sharan Lagao,
Dwar Para Tere …
Om Jai Jagdish Hare,
Vishay Vikaar Mitaao,
Paap Haro Deva
Shradha Bhakti Badhaao,
Santan Ki Sewa …
Om Jai Jagdish Hare,
Om Jai Jagdish Hare,
Swami Jai Jagdish Hare
Bhagt Jano Ke Sankat,
Khshan Mein Door Kare …
Om Jai Jagdish Hare,
मात पिता तुम मेरे Lyrics In Hindi
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे
ॐ जय जगदीश हरे..
जो ध्यावे फल पावे,
दुःख बिनसे मन का,
स्वामी दुःख बिनसे मन का
सुख सम्पति घर आवे,
सुख सम्पति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का
ॐ जय जगदीश हरे..
मात पिता तुम मेरे,
शरण गहूं किसकी,
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी
तुम बिन और न दूजा,
तुम बिन और न दूजा,
आस करूं मैं जिसकी
ॐ जय जगदीश हरे..
तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी,
स्वामी तुम अन्तर्यामी
पारब्रह्म परमेश्वर,
पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सब के स्वामी
ॐ जय जगदीश हरे..
तुम करुणा के सागर,
तुम पालनकर्ता,
स्वामी तुम पालनकर्ता
मैं मूरख फलकामी,
मैं सेवक तुम स्वामी,
कृपा करो भर्ता
ॐ जय जगदीश हरे..
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तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राणपति,
स्वामी सबके प्राणपति
किस विधि मिलूं दयामय,
किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति
ॐ जय जगदीश हरे..
दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,
ठाकुर तुम मेरे,
स्वामी रक्षक तुम मेरे
अपने हाथ उठाओ,
अपने शरण लगाओ,
द्वार पड़ा तेरे
ॐ जय जगदीश हरे..
विषय-विकार मिटाओ,
पाप हरो देवा,
स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
सन्तन की सेवा
ॐ जय जगदीश हरे,
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे
ॐ जय जगदीश हरे